Official Website by Vipul Prajapati Job,Education,Sports,Festivals,General Knowledge and all types of information Website


Join Our Whatsapp Group to Get Latest Updates... :Click Here
Join Our Facebook Page to Get Latest Updates... : Click Here

Join Our Telegram Group to Get Latest Updates... : Click Here

Search This Website

Showing posts with label गणेश उत्सव. Show all posts
Showing posts with label गणेश उत्सव. Show all posts

Sunday, 24 August 2025

श्री गणेश जी के एकदंत होने की कथा

 भगवान श्रीगणेश जी को एकदंत (एक दाँत वाले) भी कहा जाता है। उनके एकदंत होने के पीछे कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। उनमें से प्रमुख कथाएँ इस प्रकार हैं—

1. महाभारत लेखन की कथा

ऋषि वेदव्यास जी जब महाभारत की रचना कर रहे थे, तो उन्हें कोई ऐसा चाहिए था जो बिना रुके उसे लिख सके। तब उन्होंने भगवान गणेश को बुलाया।

गणेश जी ने शर्त रखी कि वे लिखते समय बीच में रुकेंगे नहीं।

व्यास जी ने भी शर्त रखी कि गणेश जी बिना अर्थ समझे कुछ भी नहीं लिखेंगे।

जब लेखन के दौरान कलम टूट गई, तो गणेश जी ने बिना रुके लिखने के लिए अपना एक दाँत तोड़कर कलम बना लिया और लेखन जारी रखा।

तभी से वे एकदंत कहलाए।

2. परशुराम जी का क्रोध

एक और कथा के अनुसार, एक बार परशुराम जी भगवान शिव से मिलने कैलाश पर्वत पर पहुँचे। उस समय शिव जी विश्राम कर रहे थे और माता पार्वती ने गणेश जी को द्वार पर पहरा देने के लिए बैठाया था।

जब परशुराम जी ने अंदर जाने का प्रयास किया, तो गणेश जी ने उन्हें रोक दिया। परशुराम जी को क्रोध आ गया और उन्होंने अपने परशु (फरसा) से गणेश जी पर प्रहार किया।

यह परशु स्वयं भगवान शिव का दिया हुआ था, इसलिए गणेश जी ने उसका सम्मान करते हुए प्रहार को झेला और उनका एक दाँत टूट गया। तभी से वे एकदंत कहलाए।

3. गणेश जी और चंद्रमा

एक कथा यह भी है कि एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में मूषक किसी साँप को देखकर डर गया, जिससे गणेश जी गिर पड़े और उनका एक दाँत टूट गया।

इस घटना को देखकर चंद्रमा हँसने लगा। तब गणेश जी ने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दिया कि जो भी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा को देखेगा उसे कलंक लगेगा।

तभी से गणेश जी को एकदंत कहा जाने लगा।

 इस प्रकार भगवान गणेश जी का एकदंत रूप ज्ञान, बलिदान, और धर्म की रक्षा का प्रतीक है।


To Get Fast Updates Download our Apps:Android||Telegram

Stay connected with us for latest updates

Important: Please always Check and Confirm the above details with the official website and Advertisement / Notification.

Friday, 13 September 2024

मुंबई के सबसे बड़े लालबाग़चा राजा गणेश उत्सव के बारे में जाने

भारत देश त्यौहार और संस्कृति का देश है |इस देस में सभी जातीके त्यौहार मिलजुलकर एकसाथ बिना कोई भेदभाव से मनायेजाते है |आज हमआपको इसमें से बहुत ही लोकप्रिय हिन्दू त्यौहारगणेश चतुर्ही के बारे में बताएँगे |येत्यौहार महाराष्ट्र मेंबड़े ही जोरो शोरो के साथ उत्साह से मनाया जाताहै |मुंबई मेंबहुत ही नामचीन गणेश मंडल जिसका नाम लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेश मंडल प्रमुख आकर्षण है | जो लालबाग गणेश गली रोड मुंबई में स्थित है | ये मंडल की स्थापना वर्ष १९३४ में की गई थी तब से ये गणेश उत्सव मना रहा है | हर साल गणेश चतुर्थी से दस दिन तक बहु ही बड़ी गणेशजी की प्रतिमा को बड़े ही भक्तिभाव पूवर्क स्थापित करते है जिसका नाम "लालबागचा राजा " रखा जाता है , जो पुरे विश्व का राजा है |यहाँ हम आपको लालबागचा राजा के बारे में कुछ जानकारी देंगे आशा है आपको पसंद आएगी |

                                          


लोकेशन : G.D आंबेडकर रोड , लालबाग (सेन्ट्रल मुंबई)
फोन नं : ०२२२४७१३६२६
दर्शन के लिए जरुरी समय : करीबन २० घंटे
दर्शन के लिए समय : सुबह ५:०० बजे से रात तक
नजदीकी हवाई अड्डा : लालबागचा राजा आने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजीहवाई अड्डा है |
नजदीकी रेलवे स्टेशन : नजदीकी रेलवे स्टेशन मुंबई सेन्ट्रल पड़ता है |
रोड और बस से कैसे आये :लालबाग च राजा मुंबई का दर्शन के लिए आने के लिएआपको कई पब्लिकऔर प्राइवेट वाहन मिल जायेंगे |

   
गणेश चतुर्थी 2024  तारीख ,शुभ मुहूर्त , पूजा समय, पूजा मंत्र और जानिए कैसे मनाया जाता है गणेश उत्सव


लालबागचा राजा के बारे में जानकारी 

मुंबई में गणेश उत्सव के दौरान सभी की नजर प्रसिद्ध ‘लालबाग के राजा’ के ऊपर होती है। इन्हें ‘मन्नतों का गणेश’ भी कहा जाता है। लालबाग में स्थापित होने वाले गणेश भगवान की प्रतिमा के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और ये भक्तगण कई कई घंटो (२० से २५ घंटे) तक कतारों में खड़े रहते हैं।लालबागच राजा के प्रथम दिन मुख दर्शन होता है | इस दिन बॉलीवुड के सितारे ,देश नेताए ,उद्योगपति जैसे बड़े बड़े लोग दर्शन के लिए पहुच जाते है | कहा जाता है की लालबागचा राजा सबकी मन्नते पूरी करता है | भक्तगण हररोज बाप्पा को नए नए वस्त्र  और कीमती आभूषणो से सजाते है |




लाल बाग के राजा मुंबई के सर्वाधिक धनी देवताओं में शामिल किए जाते हैं। प्रति वर्ष यहां करोड़ों की आमदनी होती है।इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’(इच्छाओं की पूर्ति करने वाले) के रूप में भी जाना जाता है।

अनंत चतुर्दशी के दिन लालबाग के गणेश मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन किया जाता है। इस समय बड़ा सा जुलुस निकला जाता है | जिस में भक्तगन "गणपति  बाप्पा मोरिया" , " घी में लाडू चोरिया " , "अगले बरस तू जल्दी आ " जैसे नारो से बाप्पा को बीदा करते है | 

आशा है की ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी | इस जानकारी को आप अपने मित्रो को शेर कर सकते हो और कोमेंट भी करे | ऐसी जानकारी अपने मोबाईल में पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे , हमारे सोसियल मिडिया ग्रुप को जॉइन करे | जॉइन करने के लिए क्लिक करे

To Get Fast Updates Download our Apps:Android||Telegram

Stay connected with us for latest updates

Important: Please always Check and Confirm the above details with the official website and Advertisement / Notification.

Weekly Popular Updates

Gujarati Recipe

Gujarati Recipe
Gujarati food recipe best idea
html script

Popular Posts

Catagerios

Our Followers

Any Problem Or Suggestion Please Submit Here

Name

Email *

Message *