गणपतपूरा और गणपतिपूरा जो कोठ गाव में गणपतिदादा का भव्य मंदिर बना है |गणपतिपूरा अहमदाबाद से करीबन 62 किमी की दुरी पर धोलका तहसील में बसा है | यहाँ गणपति दादा का अलौकिक मंदिर है |लाखो श्रद्धालु यहाँ आते है और बापा के दिव्य दर्शन करके पावन होते है |यहाँ हम आपको गणपतिपूरा मंदिर के बारे में कुछ माहिती बताएँगे |
लोकेशन : कोठ गाव, अहमदाबाद से करीबन 62 किमी
स्थापना वर्ष : 2008
संचालित : गणपति महाराज ट्रस्ट
प्रवेश : फ्री
मुख्य आकर्षण : गणपति दादा की आह्लादक मूर्ति ,और मंदिर का मुख्य द्वार
फोटोग्राफी : मंदिर के अन्दर मना
मुलाकात के लिए समय : करीबन 1 घंटा
मुलाकात के लिए सही समय : हर महीने की संकष्टी चतुर्थी
मंदिर के उत्सव : गणेश उत्सव क्लिक करे
फोन नंबर : +91-9374003049
नजदीकी रेलवे स्टेशन : अरणेज रेल्वेस्टेशन (6 किमी )
नजदीकी हवाई अड्डा : अहमदाबाद हवाई अड्डा (67 किमी )
अहमदाबाद से करीबन 62 किमी की दुरी पर धोलका तहसील में बसा हुआ एक छोटा सा गाव जिसका नाम है कोठ आज स्वयंभू गणपति दादा के प्रगट्य से सारे भारत में मशहूर हो गया है | कोठ गाव में गणपति का मंदिर है इसी वजे से उसे गणेश पूरा और गणपति पूरा के नाम से जाना जाता है | यहाँ मंदिर में गणपति दादा की 6 फिट की स्वयंभू प्रतिमा के दर्शन होते है | यह प्रतिमा की विशेषता ये है की गणेशजी की सुंड बायनी और की है और एअकदंती प्रतिमा है | यह प्रतिमा पूर्वाभिमुख ,मंदिर के गेट से ही दिखाई देती है | मंदिर का प्रवेश कलात्मक और आकर्षक लाल पत्थरो में से बनाया गया है | गणपति बाप का सिंहाशन सोने में से बनाया गया है |सुबह शाम अलग अलग समय पर आरती और पूजा की जाती है |हर महीने हर महीने की संकष्टी चतुर्थी पर लाखो श्रद्धालु यहाँ बापा का दर्शन करने आते है | इस दिन यहाँ मंदिर ट्रस्ट द्वारा चाय पानी एवं नि:शुल्क भोजन की भी व्यवस्था की जाती है | मंदिर ट्रस्ट द्वारा गणपति बापा के प्रिय मोदक प्रसाद के रूप में दिए जाते है | इस दिन बाप्पा को 6000 किलो बूंदी के लाडू और 1500 किलो चूरमे के लाडू का भोग चढाया जाता है | मंदिर के गेट के बहार यहाँ की मशहुर केले के वेफर काफी लोग खरीद कर घर ले जाते है |
गणेश मंदिर गणपति पूरा का इतिहास
प्राचीनकाल में कहा गया है की यहाँ पर विक्रम संवत 933 अषाढ़ महीने के वद पक्ष के चोथे दिन (अषाढ 4 ) रविवार का दिन था तब हाथेल की जमीं का केरडा के जाले के खोदकाम के वक्त गणेशजी की प्रतिमा पाव में सोने के पायल ,कान में कुंडल,माथे पे मुकुट ,और समग्र आभूषण के साथ प्रगट हुई थी |यह प्रतिमा को ले जाने के लिए आसपास के गाव वालो में झगडा हो गया | उसके बाद चमत्कार हुआ ,प्रतिमा को बैलगाड़ी में रखा गया फिर वो गाड़ी बिना बैल के अपने आप चलने लगी और गणपतिपूरा के ऊँचे भाग पर जाकर खड़ी रही | यह जगह दुदा भरवाड और गोकल की शक्तिमता की स्थापना की गई थी वहा जाकर प्रतिमा अपने आप नीचे आ गई |तबसे यहाँ का नाम गणपतिपूरा पड गया ,और यहाँ आज बड़ा सा गणपति बापा का मंदिर बना हुआ है |हर महीने की संकष्टी चतुर्थी पर यहाँ करीबन दो से ढाई लाख श्रद्धालु यहाँ आते है और लाखो रुपये का दान करते है |हर एक की मनोकामना बाप्पा पूरी करता है | गणपतपूरा के सामने ही अरणेज में मा बुटभवानी का भी मंदिर है , जो इनका भी दर्शन करके जाना |
गणेश मंदिर गणपति पूरा आरती एवं दर्शन के समय
आरती का समय : सुबह 5:30 बजे , शाम :6 :00 बजे
संकष्टी चतुर्थी दर्शन समय : सुबह 5:30 बजे से रात के चन्द्रोदय तक
संकष्टी चतुर्थी आरती समय : सुबह 5:30 बजे , शाम :6 :00 बजे , चन्द्रोदय बाद
कैसे पहुचे गणेश मंदिर गणपतिपूरा (कोठ )
हवाई जहाज के जरीए : यहाँ से नजदीकी हवाई अड्डा अहमदाबाद हवाई अड्डा पड़ता है जो करीबन 67 कीमी की दुरी पर है | वहा से आप टेक्सी और बस के जरिये यहाँ पहुच शकते है |
रेलवे के जरीए : यहाँ से नजदीकी रेलवे स्टेशन अरणेज स्टेशन करीबन 6 किमी की दुरी पर है |
बस के जरीए : अहमदाबाद से बहुत से सरकारी बसे और टेक्सी मिल शकती है और संकष्टी चतुर्थी के दिन भी बहुत सारी बस का इंतजाम किया जाता है |
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