Official Website by Vipul Prajapati Job,Education,Sports,Festivals,General Knowledge and all types of information Website


Join Our Whatsapp Group to Get Latest Updates... :Click Here
Join Our Facebook Page to Get Latest Updates... : Click Here

Join Our Telegram Group to Get Latest Updates... : Click Here

Weekly Popular Updates

Search This Website

Monday, 16 December 2024

मनकामेश्वर मंदिर मिंटो पार्क प्रयागराज उत्तर प्रदेश

भगवान श्री राम ने स्वयं अपने हाथों से यमुना के समीप शिवलिंग की स्थापना की थी !






मनकामेश्वर महादेव मंदिर यमुना नदी के तट पर, मिंटो पार्क के ठीक सामने, और प्रयागराज किले और त्रिवेणी संगम के निकट स्थित है। मंदिर से यमुना का शांत और मनोरम दृश्य दिखाई देता है। इस मंदिर में तीन शिवलिंग हैं।भगवान शिव को समर्पित मनकामेश्वर महादेव मंदिर, भगवान राम और देवी सीता से जुड़ा हुआ है। यह जगद्गुरु शंकराचार्य की 'सिद्ध पीठ' रही है। भक्त यमुना किनारे बने भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में आकर अपने मन की हर कामना पूरी कर सकते हैं। इसका मंदिर का नाम है मनकामेश्वर मंदिर। मनकामेश्वर मंदिर में सावन और महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु आकर यहां जलाभिषेक करते हैं और अपने हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं। श्री मनकामेश्वर मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर श्री मनकामेश्वर का मंदिर बना हुआ है और यहां पर ऋण मुक्तेश्वर मंदिर भी बना हुआ है। इस मंदिर में ऋणों से भी मुक्ति मिलती है। यहां पर एक पीपल का पेड़ है, उसके नीचे भी शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर में सिद्धेश्वर महादेव का अद्भुत शिवलिंग है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ काम को भस्म कर यहां स्वयं विराजमान हुए थे। माना जाता है कि जहां शिव होते हैं वहां कामेश्वरी यानी पार्वती का भी वास होता है। मंदिर से यमुना नदी का बहुत ही विहंगम दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर परिसर में और भी मंदिर है, हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

पुराणों में यह उल्लेख है कि जब भगवान श्री राम वनवास के लिए माता सीता और अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या से निकले थे तो वह सबसे पहले प्रयागराज आए थे। जहां महर्षि भारद्वाज के आश्रम में रुके थे, जिसके बाद महर्षि भारद्वाज ने उन्हें चित्रकूट में वनवास काटने के लिए मार्ग प्रदर्शित किया। प्रयागराज में रुकने के समय ही माता सीता ने गंगा स्नान किया जिसके बाद उन्होंने भगवान श्रीराम से शिव स्तुति करने की इच्छा प्रकट की, किंतु आसपास कोई भी शिव मंदिर न होने के कारण से वह स्तुति अधूरी रह जाती। इसी कारण भगवान श्रीराम ने स्वयं अपने हाथों से यमुना के समीप शिवलिंग की स्थापना की। माता सीता की मनोकामना पूर्ण करने के लिए इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी, जिसके कारण से इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर महादेव मंदिर पड़ा।



0 comments:

Post a Comment

Catagerios

Our Followers

317,997